।। दद्दा मैथिलीशरण गुप्त की सुप्रसिद्ध कृतिः सैरेन्धीः खंडकाव्य ।।
0 प्रथम भाग
0 द्वितीय भाग
0 तृतीय भाग
0 चतुर्थ भाग
टीपः मूलकृति में खंडकाव्य को चार भागों में नहीं बाँटा गया है किंतु यहाँ बड़ी फाईल होने के कारण इसे 4 भागों में क्रमशः प्रस्तुत किया गया है । कृपया इसके अन्य अन्यथा न लिया जाय ।
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प्रस्तुतिः जयप्रकाश मानस, सृजनसम्मान
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